कविता

garmi ki basaat

poem hindi | गर्मी की बरसात

आज जब मुद्दतो बाद जब घटा गहराने लगी तो हवा को को आया तैश हो प्रचंड शक्तियों से लैश मेघो को उड़ाने लगी उड़ने लगे टालियों पर बिथरी सूखने को चड्डी बनियान उड़े कई चिड़ियों के घोंसले गिरे, टूटे कई अंडे,  निकले अजन्मे प्राण खैर उन टूटे अंडों की  कौन चिंता करता है रोज टूटते […]

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dost mera

Hindi Poem | ​दोस्त मेरा

वो सच्चा दोस्त मेरा मुझमे जो कमी ढूंढे है पूरा सूख चुका आँखों का जो ये दरिया वो सच्चा दोस्त मेरा,जो आँखों में नमी ढूंढे वो जो हर वक्त मेरा अपनों से ख्याल रखे मेरे सारे यादो और वादों को दिल में जो संभाल रखे होके वेपरवाह कही उड़ता फिरूँ खा के धोखा अगर मैं गिरूँ

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isq me shya huye manbari

Poem in hindi | ​इश्क़ में श्याम हुए मनबारी,

इश्क़ में श्याम हुए मनबारी,  गली गली चूड़ी बेचे मोहन देखन में लागे अति सोहन माथे दौरा उठा चले हैं वो देखो गिरधारी इश्क में श्याम हुए मनबारी…१चूड़ी लै बरसाने आये, सतरंगी वो चूड़ी लाये गोपिन सबको अति मन भाए किने बारी बारी इश्क में श्याम भये मनबारी…२सखियन सब मिल करे ठिठोली कान्हा बोले मीठी

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najar samandar

Poem In hindi | नज़र-समंदर

इन मस्त निगाहों को देख, चाहता है ये दिल की लिखूं कोई कविता कहूँ कोई गज़ल करू कोई शायरी मन जाता है मचल मगर, ऐ दिल संभल ना हो तू यूँ विकल ये कोई साधारण आँखे नही एक गहरा समंदर है मत उतर, की तुझे  तैरना नहीं आता बड़ा खतरा इसके अंदर है नजरें ना

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“मैं कहाँ हूँ, तू कहाँ है?”

Hindi Poem | “मैं कहाँ हूँ, तू कहाँ है?”

चाह जहां है, घर वहां है, बसर जहां है, डर वहीं है, हशर जहां है, मंजिल वहीं है, कदम जहां है, वहीं है जीवन, मरण जहां है मैं कहाँ हूँ, तू कहाँ है? अरि ओ जानम इश्क में तेरे आँशु दरिया सा बहा है नयन को है तेरी प्रतीक्षा इंतजार तेरा कर रहा है दिल

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“ये इश्क तो गोरखधंधा है”

Poem in hindi | “ये इश्क तो गोरखधंधा है”

मैं ता हूँ इश्का दा मारा,धुंआ धुंआ हुआ जीवन सारा,जीवन मे होया अंधियाराबुरा फंसा मैं तो बेचाराइश्क में आशिक अंधा है,ये इश्क़ तो गोरखधंधा है।1। आशिक कहता हैइश्क तो कमाल है जीमैं तो कहता हूँफांसने का जाल है जीना पड़ो इश्के चक्कर मेंहोता बुरा हाल है जीये फांसी का फंदा हैये इश्क तो गोरखधंधा है।2।

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desh bhakti

Poem in Hindi | “सच्ची देश-भक्ति”

मैं कहता हूं मत छेड़ो इतिहास अगर बढ़ना है आगे, तो मत देखो पीछे बार-बार तुम भी जानते हो तुम क्या थे हम भी जानते हैं हम क्या थे क्या बचा है अपने पास सिवाय ढहते खंडहरों के उन भयानक यादों के बवंडरों के जो खो गया उन बवंडरों में क्या उसे फिर पा सकते

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Poem in hindi

​Poem in Hindi | समंदर-लहरें-कस्तियाँ

देखो इस समंदर को देखो, इसे देखकर तुमने क्या देखा एक अपार जलराशि जिसकी लहरें मचल रही है किसी दूसरे के सहारे उछल रही है लगा रही अनावश्यक जोर मचा रही बेमतलब शोर  अल्हड़ हवा के सहारे खा रही खुद ही पछाड़ें मगर सागर को देखो कैसे शांत है अंदर ही अंदर इसलिए तो ये

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POEM HINDI

Poem in hindi-क्योंकि, मैं एक लड़की हूँ,

दुनियां के तमाम बहादुर लड़कियों के लिये– क्योंकि, मैं एक लड़की हूँ, रसिको के लिए रस से भरी हूँ बाप के जस अपजस से भरी हूँ अजीब कसमो-कस से भरी हूँ क्योंकि मैं एक लड़की हूँ।१। बेबस बीच बाजार खड़ी हूँ, अबला मैं लाचार खड़ी हूँ सड़क किनारे नग्न पड़ी हूँ, सत्ता के ताले से जड़ी

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POEM IN HINDI HOST STORY

Poem in Hindi-रजनीगंधा

उस रात की हवाओ में, तैर रही थी एक चंचल खुशबू, कि वो रेतीली रात थी सरासर रेगिस्तानी रात, और मैं मिलों से  प्यासा चला आ रहा था उस रात चाँद भी  पूरे जोर की आजमाइश कर रहा था हमें अंधेरे की जरूरत थी वो चाँदनी की नुमाइश कर रहा था उस धधकती चांदनी में

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